What Is Liberalism - उदारवाद क्या हैं?

    उदारवाद आधुनिक युग की एक अत्यंत प्रभावशाली और प्रगतिशील विचारधारा है। यह सांविधानिक पद्धति, सहिष्णुता, धर्मनिरपेक्षता, स्वतंत्रता और समानता जैसे सैद्धांतिक आधार पर खड़ा है। कुछ विचारकोंं ने लोकतंत्र को ही उदारवाद का नाम दे दिया है। जबकि ये दोनों दो है, उदारवाद का संबंध स्वतंत्रता से है और लोकतंत्र का संबंध समानता से है। और आगे बढ़कर सारटोरी ने कहा कि उदारवाद का संबंध राजनीतिक अधीनता, व्यक्तिगत पहलू और राज्य के स्वरूप से है जबकि लोकतंत्र का संबंध समानता, सामाजिक सम्बदृता और कल्याणकारी नीतियों से है। उदारवाद व्यक्तिगत स्वतंत्रता, न्यायिक सुरक्षा और सांविधानिक राज्य का सिद्धांत और व्यवहार हैं।

   इंग्लैंड के अलावा फ्रांस और अमेरिका में भी उदारवादी विचारधारा का व्यापक प्रभाव पड़ा। अमेरिका में टॉमसपेन, जेफरसन और मेडीसन ने उदारवादी विचारों का प्रतिपादन किया था। वहीं फ्रांस में रूसो, वाल्टेयर, मान्टेस्क्यू और दिदरो ने उदारवादी विचारों का प्रतिपादन किया था। उक्त दोनों देशों में इस उदारवादी विचार का वहाॅ कि राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा डाला। परिणामस्वरूप इन दोनों देशों में क्रांति हुई। इस क्रांति में निरंकुश राजतंत्र की गहरी जड़ को हिला दि और वहां लोकतंत्र की आधारशिला को मजबूत किया और मानव स्वतंत्रता को उच्च आदर्शों के रूप में सामने लाया। 17 वीं से 18 वीं शताब्दी में उदारवाद का काफी प्रचलन हुआ। इस उदारवादी व्यवस्था में कई राजनीति सिद्धांतों को आमतौर पर स्वीकार भी कर लिया गया। जैसे- लोकसत्ता का सिद्धांत, लोकमत का सिद्धांत, प्रतिनिधिक सिद्धांत, स्वायत्त शासन का आदर्श। वही मानवीय स्वतंत्रता के लिए नागरिक स्वतंत्रता, राजनीतिक स्वतंत्रता, सामाजिक स्वतंत्रता, राष्ट्रीय स्वतंत्रता और राजकोषीय स्वतंत्रता का प्रतिपादन हुआ।

उदारवाद के प्रमुख सिद्धांत -

  • मानवीय विवेक में विश्वास करता है। उदारवाद रूढ़िवादिता को चुनौतियाँ देकर और विवेक को प्रधानता देखकर मनुष्य को ही चिंतन के लिए प्रोत्साहित किया।

  • उदारवाद व्यक्ति को साध्य और राज्य को साधन मानता है। उदारवाद के लिए व्यक्ति ही उसका केंद्र है। उदारवाद व्यक्ति के लिए ही सब कुछ करता है।  उदारवादव्यक्ति के विकास, जीवन, स्वतंत्रता एवं सम्पत्ति की रक्षा करता हैं।

  • उदारवाद की नजर में राज्य एक कृत्रिम संस्था है। उदारवाद राज्य को न तो ईश्वरीय देन मानता है, न वर्ग-संघर्ष का परिणाम, न शक्ति का परिणाम और न ही सावयव इकाई ही मानता है। उदारवाद का मानना है कि व्यक्तियों ने अपनी आवश्यकता की पूर्ति हेतु राज्य का गठन किया है। राज्य गठन में किसी प्रकार का परिवर्तन लाना है तो भी व्यक्ति राज्य में परिवर्तन कर सकता है। उदारवाद के इस विचार का सर्वप्रथम टी॰ एच॰ ग्रीन और हेरोल्ड जे॰ लॉस्की ने भी किया हैं।

  • उदारवाद मानव की स्वतंत्रता में विश्वास करता हैं। चूँकि मनुष्य जन्म से ही स्वतंत्र होता है। इसलिए स्वतंत्रता उसका प्राकृतिक एवं जन्मसिद्ध अधिकार है। इस आधार पर मनुष्यों को अपने विवेक व बुद्धि के अनुसार आचरण व व्यवहार करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिेए। मनुष्य के विवेक व बुद्धि पर किसी स्वेच्छाचारी शासन का नियंत्रण नहीं होना चाहिए।

  • उदारवाद इतिहास एवं परंपरा का विरोधी है। इंग्लैंड, अमेरिका व फ्रांस जैसे देशों में इन्हीं ऐतिहासिक, रूढ़ियों व परंपरागत रूढ़ियों के विरुद्ध क्रांतियां हुई थी। वहीं आज उदारवाद मौजूदा राजनीतिक व्यवस्थाओं व आर्थिक व्यवस्थाओं का विरोधी नहीं है। उदारवाद शांतिपूर्ण तरीके से एवं सुधार के माध्यम से समाज में प्रगति व परिवर्तन चाहता हैं।

  • उदारवाद लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को समर्थन व इसे फूलता-फलता देखना चाहता है। उदारवाद का प्रमुख लक्ष्य भी लोकतांत्रिक व्यवस्था ही है। उदारवाद का मानना है कि मनुष्य पर बिना इसके सहमति से इनपर शासन नहीं किया जाना चाहिए। मनुष्यों के अधिकारों की रक्षा तभी हो सकती हैं, जब शासन करने की शक्ति स्वयं जनता के हाथों में हो, मानव पर स्वेच्छाचारी शासन नहीं थोपा जा सकता। उदारवाद स्वतंत्र न्यायालय, निष्पक्ष निर्वाचन, व्यस्क मताधिकार और ईमानदार सेवक के रूप में नौकरशाही में भरोसा करता हैं।

  • उदारवाद व्यक्ति के प्रकृतिक अधिकारों की रक्षा में आस्था रखता हैं। यही उदारवाद की मौलिक विचार भी हैं। इस मौलिक विचार का राज्य व समाज गला नहीं घोट सकता हैं। व्यक्ति के प्राकृतिक अधिकार-जीवन का अधिकार, सम्पत्ति का अधिकार और स्वतंत्रता का अधिकार मुख्य है। इन अधिकारों का समर्थन जॉन लॉक ने भी किया है। इन अधिकारों को हमारे मूल संविधान में भी मान्यता दी गई है। वर्तमान में सम्पत्ति का अधिकार (अनुच्छेद 31) भारत के संदर्भ में मूल अधिकार से हटाकर कानूनी जमा दिया गया।

  • उदारवाद बहुलवादी समाज में विश्वास व्यक्त करता हैं। इसका विश्वास है कि समाज कई समुदायों से मिलकर बना होता है। इन्हीं समुदायों में से एक राज्य भी है। बहुत से समूह तो राज्य से भी अधिक मौलिक, प्राचीन और प्राकृतिक हैं। इस संदर्भ में परिवार समूह को देखा जा सकता है। इन्हीं में से एक-दूसरे समुदाय अपने कार्य व लक्ष्य के परिप्रेक्ष्य में कार्य को समुदायों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हैं। प्रो॰ हेरोल्ड जे॰ लॉस्की और मैकाइवर ने बहुलवादी समाज की वकालत की हैं।

  • उदारवाद का आधार खुली बातचीत व ऐच्छिक सहयोग है। उदारवादी शासन तभी सफल हो सकता हैं, जब उदारवादी समाज भी हो और उदरवादी समाज वह है जिसने समान हित तथा व्यक्तिगत साम्प्रदायिक और वर्ग हितों के बीच संतोषजनक संबंध स्थापित कर दिया हो। ऐसे ही समाज में वस्तुतः स्वतंत्र शासन की स्थापना हो सकती है। उदारवादी शासन की सफलता के लिए मतभेद को आपसी बातचीत व ऐच्छिक सहयोग से दूर किया जाना चाहिए। तात्पर्य यह है कि बहुमत होने के बावजूद सरकार को अल्पसंख्यकों के प्रति आदरपूर्ण सम्मान का भाव रखना चाहिए। जनता द्वारा संगठन बनाने के अधिकार को स्वीकार करना चाहिए। विरोधी दलों को शक्तिहीन रखने के लिए केवल सीमित व वैध उपायों का ही प्रयोग करना चाहिए। विरोधी दलों का भी सहयोग प्राप्त करना चाहिए। इन विचारों का समर्थन लंबे समय से उदारवादी विचारक करते आ रहे हैं।

  • उदारवाद सीमित और संवैधानिक सरकार में ही विश्वास व्यक्त करता है। राजनीतिक वातावरण में उदारवाद निरंकुश सत्ता के खिलाफ है। उदारवादी विचार से लैस इंग्लैंड व फ्रांस में निरंकुश सत्ता के खिलाफ क्रांतियाँ हुई और फलतः निरंकुश सत्ता की समाप्ति हो गई और सीमित और संवैधानिक सरकार की स्थापना हुई। सरकार की शक्ति सीमित होनी चाहिए। व्यक्ति के जीवन में उसी सीमा तक हस्तक्षेप होना चाहिए जहाँ तक व्यक्ति की स्वतंत्रता और समाज कल्याण में सामंजस्य स्थापित हो सके। शासन की निरंकुशता पर रोक लगाने के लिए उसे संवैधानिक तंत्र में बांध दिया जाता है, और संविधान के निश्चित नियमों के अंतर्गत उसे शासन करना पड़ता हैं।

  • उदारवाद अंतरराष्ट्रीय और विश्वशांति का वकालत करता है। उदारवाद किसी खास देश व राष्ट्र के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए आदर्श प्रस्तुत करता है। यह विश्व में शांति व विश्व-बंधुता में विश्वास करता है। उदारवाद 'जियो और जीने दो' के आदर्श व मूल्य मंत्र पर कार्य निष्पादन करना चाहता हैं।

          इस प्रकार देखा गया की उदारवाद एक नमनीय व उदार हृदय वाला विचारधारा हैं।


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