Effect Of Lockdown On Mental Health – मानसिक स्वास्थ्य पर लॉकडाउन का प्रभाव
Corona Virus (Covid-19)
जैसी वैश्विक भयावह महामारी से भारतीयों को बचाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने 25 मार्च 2020 से Lockdown की घोषणा कर दी थी। फलतः जो लोग जहांँ थे, जैसे थे लाॅकडाउन हो गये। साथ-ही-साथ यातायात के साधन, स्कूल-कालेज, रोजगार के साधन भी लॉकडाउन हो गये। एक ही परिवार के कई-कई सदस्य जो जहांँ था, उसी हालात में लाॅकडाउन हो गये। इसमें मजदूर और विद्यार्थियों की संख्या सर्वाधिक हैं। ये लोग परिवार से अचानक ही अलगाव में पड़ गये। खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गयी। जिंदगी जीने के लिए पैसों की कमी होने लगी। परिवार से अलग रहने की चिंता सताने लगी। इन सभी चिंताओं के कारण और खाने-पीने की सामूहिक चिंता से परेशान होकर लोग पैदल सैकड़ों किलोमीटर चलकर घर वापस होने को मजबूर होने लगे और ऐसा करने भी लगे। कई लोगों की विभिन्न तरीकों से मृत्यु भी हो गयी। इन सभी घटनाओं के कारण परिवारिक सदस्य अवसाद में जीने लगे वही घर में लाॅकडाउन होने के कारण ये अवसाद बढ़ता ही जा रहा हैं।
परिणामस्वरूप तनाव, अवसाद और चिंता के कारण मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियांँ उत्पन्न होने लगी।दिनचर्या और माहौल बदल जाने के कारण झुंझलाहटे आने लगी। काम पर न जाने के कारण दिमाग पर असर पड़ता हैं। दिमाग पर प्रेशर, वायरस से संक्रमित होने का डर अवसाद को बढ़ता हैं। बड़ों को घबराहट देख बच्चे भी इससे ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे में लोगों में चिड़चिड़ापन, तनाव, अवसाद, चिंता और घबराहट, तेज गुस्सा, शक करना जैसे लक्षण आम हो गयी हैं। देश में आज प्रत्येक चार में से एक व्यक्ति इससे जूझ रहा हैं। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उदासी, नींद न आना, काम में मन न लगना और भूख न लगना इसके लक्षण हैं। बच्चों में पेटदर्द, सिरदर्द, सीने में दर्द इसके लक्षण हैं। अगर उक्त झंझावटों के कारण आत्महत्या या किसी भी हत्या करने का विचार मन में आए तो तुरंत किसी मनोचिकित्सक से दिखाना आवश्यक हैं। यह गंभीर अवसाद के लक्षण हैं। अगर घरेलू हिंसा बढ़ने लगे तो बिना संकोच के पुलिस को बताना चाहिए। लाॅकडाउन खत्म होने के बाद भी डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। Lockdown
के कारण नौकरी, अर्थव्यवस्था व व्यवहार जैसी परेशानियों के कारण अवसाद में नहीं आना हैं। सकारात्मक रहना चाहिए। Lockdown
प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया देश हित में एक सकारात्मक फैसला हैं। यह भी सच्चाई है कि लाॅकडाउन लोगों के परेशानियों के साथ-ही-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला हैं। अतः रहिए – सतर्क, सावधान और व्यस्त।